मोबाइल फोन से होता निजता का हनन
सूचना एवं प्रसारण क्रांति का प्रभाव मन मस्तिष्क पर इतना गहरा पड़ा हुआ है कि अब चाहे व्यक्ति विशेष का डाटा लीक हो या फिर उसके डाटा का स्वयं हित के लिए उपयोग शायद ही कोई प्रभाव सरकार ,जनता और ऐसी एजेंसियों को पर पड़े जो स्वयं को डांटा संरक्षक के रूप में स्थापित किए हुए हैं ।व्हाट्सएप फेसबुक , टि्वटर एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जो सेव और सिक्योर होने का दावा करते हैं उन पर से ही अधिकतर डाटा लीक होने की जानकारी मिलती है ।
अभी हाल ही मैं व्हाट्सएप के जरिए जासूसी करने की जो खबरें बीते दिनों से आ रही है उसमें यह सामने आया है कि इसमें कई भारतीयों के नाम भी शामिल हैं इन पर बेरोकटोक जासूसी हो रही है। भीमा कोरेगांव मामले के अभियुक्तोंका प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नेहाल सिंह राठौर, मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया, वकील डिग्री प्रसाद चौहान आनंद तेलतुबंडे और पत्रकार सिद्धांत सिब्बल भी शामिल है ध्यान देने वाली बात यह है कि इन सभी का व्हाट्सएप हैक नहीं हुआ अपितु पूरा मोबाइल हैक हो गया कॉन्टैक्ट, जीमेल ,पासवर्ड और भी अन्य डेटा जो इनके निजता के मध्य नजर आता है चिंता की बात तो यह है कि इन सब का डाटा हैक इजराइल की स्पाई एजेंसी एनएसओ के पोगासस ऐप द्वारा हुआ सवाल यह भी है कि व्हाट्सएप द्वारा ऐसी क्रियाकलापों के लिए सुकीर्ति कैसे दे दी गई और अगर नहीं दी गई तो यह सब हुआ कैसे! व्हाट्सएप के भारत में 40 करोड से ज्यादा यूजर्स हैं ऐसे में व्हाट्सएप इस मामले को इतने हल्के में क्यों ले रहा है । एनएसओ एक इजरायली कंपनी है जो आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम के लिए स्पाई एजेंसी के रूप में कार्य करती है इस कंपनी का साल भर का टर्नओवर डेढ़ सौ मिलियन डॉलर से भी अधिक है इतनी बड़ी कंपनी डाटा लीक मामले में अपना अस्तित्व क्यों बनाना चाहती है ।
वहीं कई मानव अधिकारियों का कहना है कि कुछ देशों की सरकार साइबर हथकंडो से देश की राजनीतिक ,आर्थिक ,सामाजिक ,गतिविधियों को अपनी तरह से चलाने में सक्षम हो सकती है इन आरोपों के बावजूद इजराइल ने साइबर हथियारों के निर्यात संबंधी कानूनों में छूट दे रखी है। सऊदी अरब साइबर के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है ।एमएसटी इंटरनेशनल ने तो यह तक कह दिया कि इजरायल सरकार को साइबर लाइसेंस कानून को कड़ा बनाना चाहिए ।बरहाल इन सबके बावजूद पोगसस का प्रयोग राजनीतिक विरोध को मौत के घाट उतारने के लिए किया गया।
डाटा लीक होना अत्यंत चिंतनीय विषय है ऐसे में ट्राई टेलीकम्युनिकेशन रेगुलेटिंग अथॉरिटी को विशेष रूप से सजग रहना होगा वहीं भारत सरकार को व्हाट्सएप ,गूगल ,ट्विटर एंड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए उचित नियम कानून बनाने होंगे साथ ही आवश्यक है कि जिस गति से लोग कंप्यूटर और स्मार्टफोन का प्रयोग कर रहे हैं उस गति से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़ी शर्तों को लेकर जागरूकता होना अति आवश्यक है।