पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने की मुहिम

दीपावली के बाद अति ठंड में प्रदूषण का जो स्तर बढ़ गया है, वह चिंताजनक है ।  हरियाणा, पंजाब प्रदेश में (पराली ) धान एवं गेहूं के घास  जलाने पर सरकार ने दंड की व्यवस्था की है । पर यह तो हर बार होता है ।  दीपावली के बाद नवंबर माह  मैं प्रदूषण का स्तर इतना अधिक बढ़ जाता है कि हवा में सांस लेना दूभर हो जाता है । आसमान में छाई धुंध प्रदूषण का हाल स्वयं बयां कर देती है। इसके बाद सांस की बीमारी से होने वाली मौतें सीमा पार कर जाती हैं । हर बार प्रशासन नियम बनाता है कि 10:00 बजे के बाद पटाखे नहीं चलेंगे पर रात में मध्यरात्रि तक इसका क्रम नहीं टूटा । कुछ प्रशासन की ढिलाई और लोगों का पटाखों की प्रति प्रेम से जो वातावरण में जहर घुलता है वह लोगों के लिए तमाम बीमारियां लेकर आता है । अमेरिका में समुद्र के किनारे एक कछुए की मौत पर वहां के लोगों में चिंता का माहौल बन गया जिसने अमेरिकी प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया पर हम लोग इन सब घटनाओं को यूंही जाने देते हैं । जिससे वातावरण में सुधार की आशा क्षीण होती जाती है । बस जरूरत है । सहभागिता भागता और पर्यावरण के प्रति सकारात्मक सोच की फिर तो स्थितियां अपने आप संभल ती जाती हैं।


                                      बृजेश पाठक


                                         संपादक


                              आजाद समाचार संकेत


                               शिवपुरी मध्य प्रदेश