राजनीतिक शुचिता के प्रतीक थे कैलाश जोशी जी
राजनीति को नई दिशा देने के साथ ही पार्टी व प्रदेश के विकास में कैलाश जोशी का योगदान अभूतपूर्व है।बह राजनीति के संत थे। । वे राजनीतिक शुचिता और समर्पण के प्रतीक थे। 


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राजनीति, पार्टी और प्रदेश के उत्थान में इनका का योगदान अविस्मरणीय है। देवास जिले के छोटे से गांव  हाटपिपलिया के छोटे से किसान परिवार में कैलाश संघर्षों के साथ आगे बढ़़े। प्रारंभिक शिक्षा देवास में करने के दौरान ही इनका झुकाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  के माध्यम से समाज सेवा की ओर हो गया। कैलाश जोशी अद्भुत संगठन क्षमता हमेशा प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा का काम करती रहेगी। 

भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहेते हुए 1955 से 1960 तक देवास में जिला मंत्री के रूप में कार्य किया। 1956 से भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य के रूप में संगठन को मजबूत करने का काम किया। 2 बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहकर संगठन को गांव-गांव तक विस्तृत करने का परिश्रम किया।  

राजनीति को सेवा का माध्यम मानकर 1955 में 1960  के बीच बागली नगर पालिका अध्यक्ष संभाला। उसके बाद 1962 से लगातार 8 बार बागली विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। 

उन्होंने विधायक दल के उपनेता और नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार पर अंकुश लगाए रखने का काम बखूबी किया। 1977 में जनता पार्टी सरकार के पहले मुख्यमंत्री बनकर कार्यकर्ताओं और प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं को मूर्त रूप दिया। 

 

वैसे तो अनेक संस्मरण है जो प्रेरणा देने का काम करते हैं। उनके जीवन का हर पहलू कुछ न कुछ सीख देता है।कैलाश जोशी  एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि वे सेवा और समर्पण का दूसरा रूप थे।  उनके भीतर की विलक्षण प्रतिभा सभी को प्रभावित करती थी। भारतीय जनता पार्टी परिवार के लिए यह अभूतपूर्ण क्षति है।उनके निधन से पार्टी में जो शून्य पैदा हुआ है, उसकी भरपाई असंभव है।