असहाय तंत्र बेलगाम अतिक्रमण कारी वनों की अंधाधुंध कटाई

  * शिवपुरी, असहाय तंत्र, बेलगाम अतिक्रमण कारी खनन माफिया , चुप्पी साधे प्रशासन । शासन के आदेश कचरा घर में

  * मामला 50 हजार बीघा वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर, वन संपदा को नष्ट करने का ।

        * आजाद समाचार की विशेष रिपोर्ट * 

  शिवपुरी । मुख्यमंत्री कमलनाथ के कडे, कठोर निर्देशों के बाद , शिवपुरी जिले के वन विभाग, वन परिक्षेत्र रेंज अधिकारियों की अकर्मण्यता और अतिक्रमणकारियों . खदान ,खनन माफियाओं से सांठगांठ के चलते करैरा, सतन वाड़ा, पिछोर, खनियाधाना, कोलारस, बदरवास , पोहरी एवं शिवपुरी बन परि क्षेत्रों में बै संभार अतिक्रमण हो चुका है। 

    सूत्रों से पता चला है कि बन परीक्षेत्र अधिकारियों की सांठगांठ से अतिक्रमण कारी , भू माफियाओं ने वन विभाग की 50 हजार बीघा वन भूमि पर अतिक्रमण कर सरसों ,चना ,गेहूं की  फसलें अवैध रूप से उगा ली है ।

    स्थानीय अमला तथा बन परिक्षेत्र रेंज अधिकारियों की सांठगांठ से बन मंडल शिवपुरी की सतनवाड़ा रेंज के 95% ग्रामों में अतिक्रमणकारियों ने वन भूमि पर वन संपदा को नष्ट कर , हरे भरे पेड़ों को काटकर सरसों ,गेहूं ,चना की फसलें कर ली है । कोई वन विभाग के ईमानदार अफसर यदि चाहे तो वर्तमान समय में स्वयं उपस्थित होकर सतनवाड़ा रेंज के सब रेंज मंगरौनी, नरवर और करैरा वन परिक्षेत्र के ग्राम सब रेंज अमोल  अमोला , करैरा, खोड एवं पिछोर वन परिक्षेत्र के ग्राम करारखेड़ा, भौती ,मालावनी ,मायापुर रन्नौद वन परिक्षेत्र के 80% ग्रामों में अतिक्रमण कारी वन भूमि पर अतिक्रमण करे हुए हैं । इतना ही नहीं बदरवास, कोलारस ,पोहरी तथा शिवपुरी वन परिक्षेत्र की सीमाओं में धुआंधार अतिक्रमण हो रहा है ।

       उदाहरण के तौर पर सतन बाड़ा : वन परिक्षेत्र क्षेत्र की मंगरौनी सब रेंज के ग्राम बिलोनी,दौलताबाद, हथेडा ,ठाठी ,केककोदा  सीहोर, नकटे रा ,पटेई, सागौली, सब रेंज नरवर : ग्राम , टोकी ,भीमपुर, शेरगढ़ ,गोपलिया, बरखेड़ी ,जुझाई ,चकरामपुरा, थर खेड़ा, खेरा, कोडर, काली पहाड़ी,सोन्हर ,  ग्वालीया, नयागांव, नरहुआ ,

 करैरा वन परि क्षेत्र : शंकरगढ़ अमोल राजगढ़  दीवट, सिलानगर ,मत बाई, सिलानगर , छिरारी, लालपुर ,हाजीनगर जनकपुर खैरा कुटिया बनगवां,  जुगहा, सिलारपुर ,सिरसौद, मामोनी खुर्द, सलैया , वरोधी,  चनवाणी ,दुर्गापुर  नागुली  शाजापुर,  खोड , आदि शिवपुरी वन मंडल के लगभग डेढ़ सौ 150 ग्रामों में अतिक्रमण कारी भू माफिया वन भूमि पर अतिक्रमण किए हुए हैं ।

        दूसरी ओर रिजर्व फॉरेस्ट जंगल में खदानों का संचालन मुसीबत बना हुआ है ।अफसर संगठित अपराध को नजरअंदाज कर रहे हैं । माफिया इतने बेलगाम हो चुके हैं कि आय दिन फॉरेस्ट हमले की पिटाई कर , माफिया सरेआम अवैध खनन में जुटे है।  अफसर जनप्रतिनिधियों के भय से कम पाए मान हैं । प्रशासन के लिए डूब मरने जैसी बात है।

     उदाहरण करैरा के अभ्यारण क्षेत्र में पिछले दिनों अवैध रेत से भरे डंपर पकड़े गए मगर अभ्यारण के अधिकारीयोंअधिकारियों को सूचित किए बिना माइनिंग ने केस बना दिया ।ताकि इन। डम्फरो को राज सात  की कार्रवाई की जद में ना आना पड़े ।

         मुख्यमंत्री कमलनाथ के आदेश को स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा जिले के आला अफसर खूंटी पर टांगे हुए हैं और अपने अनुसार अवैध कार्यों को अंजाम दे रहे हैं । यहां माफिया राज चल रहा है दम से संगठित अंदाज में अवैध खनन चौतरफा हो रहा है ।गौर करें डोंगरी, बम्हारी क्षेत्र में पूर्व में संचालित खदानों में पत्थर ना होने के कारण तत्कालीन कलेक्टर द्वारा कराए गए भौतिक सत्यापन में यह तथ्य सामने आने के बावजूद कि जो कुछ चल रहा है।  स्यी कृत नंबरों की ओट में चल रहा है । ऐसे में तत्कालीन डीएफओ ने तमाम पत्थर खदानों की अना पतियों निरस्त करने का फैसला ले डाला था और अपने पत्र क्रमांक 6506 दिनांक 28 अगस्त 2006 से इन खदानों की एनओसी निरस्त कर दी गई किंतु बाद में सब कुछ जस का तस हो रहा है । अब तो बन सीमा के भीतर खदानें कट रही हैं । जबकि नियम यह है कि वन क्षेत्र में 280 मीटर की परिधि में कोई खदान संचालित नहीं होगी । जिले में इस समय डोंगरी में सर्वे नंबर 208, 416 ,417 में वन संरक्षण अधिनियम की धारा 1980 के प्रावधानों का खुला उल्लंघन हो रहा है । इसी प्रकार से बम्हारी में सर्वे नंबर 927 ,928 की ओट में, दनादन अवैध खनन कराया जा रहा है । बन थानों की भूमिका पर भी अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं । क्योंकि अपराध खुलेआम हो रहा है । मगर ए मामले कहीं दर्ज ना होना । इस बात का परिचालक है कि सब कुछ मिलीभगत से चल रहा है ।

              दूसरी तरफ करैरा पिछोर शिवपुरी एवं रन्नोद बनी परि क्षेत्रों में बन परिक्षेत्र अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध उत्खनन बेरोकटोक चांदी के जूते की दम पर माफिया कर रहे हैं मुख्य वन संरक्षक तथा मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ चाहे तो निम्न स्थान पर अपने विश्वासपात्र अधिकारियों से या सीआईडी और सेटेलाइट माध्यम से जांच करवा ले बनो की सीमाएं हर रोज सुकृति जा रही है तथा हरे भरे वृक्षों को प्रतिदिन काटा जा रहा है होटलों आरा मशीनों पर प्रतिदिन कई घनफुट माल बिना अनुमति के देखा जा सकता है ।

              आजाद समाचार शिवपुरी के संपादक ने मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ एवं मुख्य वन संरक्षक बाई ऐस तोमर से मांग की है की शीघ्र वन सीमा के अंदर जो अतिक्रमण कर फसलबोई है । उसकी बिंदुवार फॉरेस्ट वन विभाग का नक्शा लेकर जांच की जाए । तथा जंगल के अंदर संचालित अवैध पत्थर की खदानों तथा रेत मोरम,खंडा,माफियों पर रोक लगाई जाए और यदि कार्रवाई में सक्षम हैं । तो जिस क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण और अवैध खदानें संचालित हैं ।उस क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी की सेवाएं समाप्त की जाए जिससे कि आगामी समय में कोई भी बन परिक्षेत्र अधिकारी अपने कार्यों में लापरवाही नहीं बरतें गा ।