निजामुद्दीन की मरकज में तबलीगी जमात सांप्रदायिकता का केंद्र !

निजामुद्दीन केे मरक  ने 1 से 15 मार्च तक तबलीगी जमात का आयोजन किया इसमें विश्व भर से आए हुए विदेशियों और भारतीय समेत लगभग 2000 लोग शामिल थे तबलीगी का मतलब है अल्लाह और कुरान हदीस की बातें दूसरे तक पहुंचाना मरकज का मतलब केंद्र होता है लगभग 75 साल पहले मेवात के मौलाना इलियास साहब ने मरकज की स्थापना की थी इस मरकज को बनाने का उनका मकसद था कि भारत के अनपढ़ मुसलमानों में बढ़ती जहालत को खत्म करके उनको इस्लाम के बताए गए रास्ते और नवाज की तरफ लाना था ताकि यह भटके हुए लोग नवाज पढे ,रमजान में रोजा रखे और बुराइयों से बचें इन कामों से मरकज को इतनी प्रसिद्धि मिली कि वह पूरी दुनिया में जाना जाने लगा दुनिया भर के लोग यहां आने लगे और फिर यह बुराइयों से अच्छाइयों की तरफ लाने का केंद्र बन गया। 



 यह जमात मस्जिद में जा जाकर इस्लाम की बातों को लोगों तक पहुंचाने का काम करने लगे इसमें इलाकों के हिसाब से एक कमेटी बना देते हैं वे अपने इलाकों में गश्त भ्रमण करते हुए लोगों से बुराइयों को छोड़ने और नेकी की तरफ चलने के लिए कहते हैं फिर भी लोग इस तरह नए सदस्यों को जोड़ते हैं यह जमात 3 दिन से लेकर 40 दिन  उससे अधिक दिनों तक के लिए होता है।



इलाके की मस्जिद में बनी कमेटी जमात अपनी लिस्ट जिले के मुख्य केंद्र को देती है और फिर वह मगज में भेज दी जाती है पर यह लोग अपनी मस्जिदों के ग्रुप जमात की शक्ल में जिले की मरकज में जाते हैं जहां से यह तय होता है कि किस जमाद को किस इलाके में जाना है और हर जमात में एक हेड बना दिया जाता है



 जिस के आदेश को सभी सदस्यों को मानना पड़ता है मरकज में सिर्फ जमीन और आसमान का जिक्र होता है यहां किसी भी प्रकार की दुनिया वादी बातों पर पूरी तरह पाबंदी है यही वजह है कि तबलीगी जमात को पूरी दुनिया में भ्रमण करने वीजा मिल जाता है।



तबलीगी जमात का जलसा हर साल भोपाल के साथ-साथ देश के हर हिस्से में होता है इसमें भारी भीड़ इकट्ठी होती है मरकज में मौजूदा जमात देश के लिए पूरी तरह समर्पित रहती है तबलीगी जमात में भारत से आए हुए लोगों की संख्या 600 थी जो कि तेलंगना समय भारत के दूसरे हिस्से में आए थे  इंडोनेशिया और मलेशिया से आए लोग भी इसमें शामिल थे जमात में उपस्थित कुछ लोगों में कोरोनावायरस मिला है इससे देश में हड़कंप मच गया है तेलंगना सरकार के मुताबिक इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौटे कुछ लोगों की मौत हो गई है तबलीगी जमात में कोरोना पोजिटिव लोगों की संख्या 53 के लगभग पाई गई इसके बाद दिल्ली सरकार ने उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के आदेश दिए क्योंकि उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने का हवाला दिया।



वहीं इस पूरी घटना पर तबलीगी जमात के सदस्य मुशर्रफ  दुख जताया अपनी गलती भी मानी पर  पर  बड़ी  संख्या में न्यूज़ चैनल इस पूरी घटना को सांप्रदायिकता के रंग में डालने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं यहां तक की कुछ न्यूज़  चैनल का काना है कि यह साजिश के तहत किया गया।



कोरोना पॉजिटिव लोगों को जमात में विदेशों से बुलाया गया इस घटना को अंजाम देने के लिए अगर ऐसा किया गया तो इसमें गलती सरकार की मानी जानी चाहिए क्योंकि जब वह लोग बाहर मुल्क से देश में आ रहे थे तो एयरपोर्ट पर इन लोगों की जांच क्यों नहीं की गई इसकी जिम्मेदार सरकार की है
 वहीं कुछ न्यूज़ इसे एक समुदाय विशेष की गलती बता रही है सिर्फ अपनी पब्लिसिटी और टीआरपी के लिए कुछ न्यूज़ चैनल  और मीडिया घराने इसे सांप्रदायिकता का रूप दे रहे हैं और धर्मनिरपेक्ष भारत में जहर घोलने का काम कर रहे हैं ।



 संविधान का चौथा स्तंभ कहने वाला मीडिया चाटुकार पत्रकारों की वजह से बदनाम है जो इस माहौल में भी इस तरह का गंदा किरदार निभा रहे हैं।
ऐसे मौके पर सवाल सरकार से करना चाहिए कि जब यह जमात के लोग भारत आ रहे थे तो इनकी जांच पूर्ण तरीके से क्यों नहीं हुई यह सवाल सरकार से क्यों नहीं पूछा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सवाल भारत के जिम्मेदार नागरिक होने का भी है विश्व व्याप्त बीमारी का कहर भारत में बर्फ रहा है तो ऐसे में यह जमात करना कितना जरूरी था इसे पुख्त इंतजामों के साथ क्यों नहीं किया गया। अगर धार्मिक आयोजन किए भी गए तो दिल्ली सरकार ने अनुमति कैसे प्रदान कर दी।



सवाल यह भी है इससे पहले भी बहुत से ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का सरासर उल्लंघन किया गया है कनिका कपूर भोपाल में कमलनाथ सरकार के इस्तीफा देते वक्त मौजूद पत्रकार में भी कोरोना वायरस के लक्षण मिले थे ।
अगर इस महामारी से बचने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए तो यह बहुत ही भयावह रूप धारण कर लेगी यह बात विचारणीय है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन क्यों नहीं हो रहा क्या इसमें सरकार के साथ-साथ प्रशासन व भारत के नागरिक भी दोषी हैं।


लेखक बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र है|