जान है, तो जहान है । कोरोना, महामारी अनजान है । शासन , प्रशासन एवं जनता की मध्यस्त का, भूखे पेट कार्य करते विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार ।
* सहारे के इंतजार में लघु दैनिक, साप्ताहिक, समाचार पत्र, पत्रकार *
बृजेश पाठक प्रधान संपादक
साप्ताहिक, आजाद समाचार संकेत
जिला शिवपुरी मध्य प्रदेश
जीवन में हम सोचते हैं कि सुख, समृद्धि ही बहुत कुछ है, तो यह मिथक ही मानना चाहिए । कभी भी संकट से भी गुजरना पड़ सकता है । इसके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए । कोरोना कोविड-19 वायरस के दौर में अब यह हमारी परीक्षा की घड़ी है । सरकार के बताए नियमों से हमारा जीवन सुरक्षित रहेगा और आज जो आर्थिक व अन्य नुकसान हो रहा है । उसकी क्षतिपूर्ति हम कोरोना की जंग जीतने के बाद भी पूरी कर लेंगे ।लेकिन अगर कोई शारीरिक दिक्कत आ जाती है , तो मुश्किल हो जाएगी । सभी की समझदारी इसी में है कि वर्तमान में ही जिए और खुद के साथ दूसरों को भी क्षति की परवाह न कर अनुशासित जीवन जीने को कहें । तभी हमारी जीत होगी अपने जीवन की सुरक्षा के साथ-साथ इस गर्मी के मौसम में घरों में रास्ते में दिन रात गुजार रहे गरीब असहाय मजदूर वर्ग का एवं पशु पक्षियों के लिए पानी के सथ उनके लिए दाना व भोजन की भी सम्मान के साथ व्यवस्था करें ।
परीक्षा का दौर कई बार जीवन में आता है, इसे भी एक परीक्षा ही समझें और खुद संकट से मुकाबला करने का जज्बा रखें । लघु, दैनिक ,साप्ताहिक पत्र पत्रिकाओं के प्रधान संपादक, प्रकाशकों ने कोरोना कोविड-19 की जंग में योद्धा की भूमिका का निर्वहन कर रहे, सभी कर्मचारी ,अधिकारियों एवं समाजसेवियों के उज्जवल भविष्य की ईश्वर से कामना की है ।
कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी के संकट काल मैं जो देश में सेवाएं दे रहे हैं। उनमें 4 तरह के लोग हैं । एक व्यक्ति बो हैं । जो शासकीय सेवक हैं ।दूसरे व्यक्ति बे है। जो जनसेवक की भूमिका अदा करते हैं । तीसरा व्यक्ति वह है ,जो समाज सेवी के नाम से जाना पहचाना जाता है और चौथे वे लोग हैं पत्रकार । जो सदैव शासन, प्रशासन एवं जनता के बीच मध्यस्थता का कार्य करते हैं और आज भी इस विश्वव्यापी महामारी के काल में कर रहे हैं । हमारे राष्ट्र का हर पढ़ा-लिखा नागरिक जानता है की शासकीय सेवक एवं जन सेवक विधायक ,सांसद सभी को वेतन मानदेय हमारा देश यानी राष्ट्र देता है । यदि राष्ट्र पर संकट है । तो सभी का करतब एवं जिम्मेदारी बनती है कि वह राष्ट्र के अच्छे कर्तव्य परायण नागरिक होने के नाते अपनी वेतन एवं मानदेय संपूर्ण रूप से इस संकटकालीन अवधि में राष्ट्र को सुप्रित कर दें तभी हम मानेंगे ए लोग सच्चे राष्ट्रभक्त हैं । आज हमारे देश के लाखों पत्रकार बिना शासन के वेतन मानदेय लिए भूखे पेट इस कोरोना महामारी के संकट काल में शासन ,प्रशासन एवं जनता के बीच जाकर मध्यस्थता का कार्य कर रहे हैं । भारत सरकार इस संकटकाल में सभी की चिंता कर रही है । केंद्र एवं राज्य सरकारों को पत्रकारों की भी चिंता करना चाहिए ।
बृजेश पाठक प्रधान संपादक
साप्ताहिक, आजाद समाचार संकेत
जिला शिवपुरी मध्य प्रदेश