जमातियों को घर छोड़ रही दिल्ली सरकार
किसान व मजदूरों की नहीं है चिंता ।
शिवपुरी । आजाद समाचार । पूरे विश्व सहित हमारे देश में भी चारों तरफ कोरोना वायरस का डंक मानव को डस रहा है । इस महामारी ने भारत देश में तांडव मचा रखा है। सरकारें भी वोट की राजनीति के दलदल में अपने भाग्य को आजमा रही हैं । इस महामारी काल में स्पष्ट नीति तथा लोगों तक मदद सरकार की किस प्रकार पहुंचे इसका पूरा इंतजाम नहीं है । कुछ एक जनप्रतिनिधियों को छोड़कर सभी जनप्रतिनिधि अपने बंगलों में दुम दबाए पड़े हुए हैं और कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की सांठगांठ से व्यापारी लोग जनता को लूटने में दिनदहाड़े लगे हुए हैं । जिला प्रशासन ने यद्यपि हर ब्लॉक कस्बा एवं जिला सहित नगर पंचायत क्षेत्रों में आवश्यक सामान खाद्यान्न की रेट लिस्ट चस्पा करवा दी गई है । फिर भी व्यापारी बंधु उस रेट लिस्ट के मुताबिक क्रेता ओं को सामान विक्रय नहीं कर रहे हैं । सामान की क्वालिटी अच्छी बता कर अधिक दाम वसूल रहे हैं । प्रश्न उठता है की जब अच्छी क्वालिटी के दाम खाद्यान्न की रेट लिस्ट में प्रिंट नहीं है फिर ऐसी रेट लिस्ट दुकानों पर क्यों चस्पा कराई गई है । स्वम प्रशासनिक अधिकारी अपने रोब रूतवा को त्याग कर किसान मजदूर या मध्यमवर्ग का व्यक्ति बनकर खाद्यान्न सामान बाजार से क्राय करें । तब मालूम चलेगा की सामान्य लोगों को क्या भाव दर पर देश के ग्रामीण अंचल एवं जिला शहर में सामान मिल रहा है ।
दिल्ली एवं केंद्र सरकार से प्रश्न दिल्ली सरकार ने उन 4,000 तबलीगी जमात के सदस्यों को छोड़ने का आदेश दिया है, जो राष्ट्रीय राजधानी में क्वारंटीन की अवधि पूरी कर चुके हैं। इस तरह जमात के लोग अब अपने घर जा सकेंगे। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि संक्रमित लोग ठीक हो चुके हैं और सभी का क्वारंटीन पीरियड भी समाप्त हो चुका है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कहा कि इन जमातियों में से जिन पर भी मुकदमा है । उन पर दिल्ली पुलिस ऐक्शन ले। जैन ने कहा कि इन लोगों को पुलिस हिरासत में भेजा जाए और बाकियों को अपने-अपने घर जाने दिया जाए।
मार्च महीने के आखिरी में निजामुद्दीन मरकज से या कुछ अन्य जगहों से 4 हजार से ज्यादा लोग पकड़े गए थे। इनमें से एक हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित पाए गए थे । बाकी लोगों को अलग-अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था। इन सभी ने हजरत निजामुद्दीन मरकज में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम ‘जोड़’ में शिरकत किया था।
उधर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को निजामुद्दीन मरकज के मुखिया मौलाना साद के बेटे से पूछताछ की थी। पूछताछ उन 20 लोगों के गायब होने को लेकर हुई जो दिशा निर्देशों को धता बताकर निजामुद्दीन मरकज में जलसे में शामिल हुए थे या फिर मरकज की मैनेजमेंट टीम मैं शामिल हैं।
दूसरी ओर दिल्ली सरकार इस कहावत को चरितार्थ कर रही है ,कि अंधा बांटे रेवड़ी चीन चीन के दे । यानी मरकज के जमातीयों को घर भेजने की सुविधा और देश के विकास में जो अपना खून पसीना बहाते हैं , उन मजदूर किसानों को सुविधा के नाम पर सरकारों का रोना । वर्तमान परिवेश मैं दिल्ली से लेकर कन्याकुमारी , चेन्नई से लेकर दिल्ली एवं महाराष्ट्र से लेकर खुशी नगर फैजाबाद अयोध्या उत्तर प्रदेश , पटना, गया बिहार, कोलकाता , कौर छतरपुर टीकमगढ़ सागर शिवपुरी मध्य प्रदेश, कोटा, जयपुर , राजस्थान की सड़कों पर दिन रात मजदूर भूख से व्याकुल पेट बांधकर पैदल यात्रा कर रहे हैं । परमेश्वर भगवान, गॉड ,अल्लाह का स्मरण करते सरकारों को कोसते हुए अपने आशियाने घर की ओर धूप गर्मी एवं तूफानों की चिंता किए बगैर चले जा रहे हैं ।
बृजेश पाठक" प्रधान संपादक " आजाद समाचार संकेत, शिवपुरी मध्य प्रदेश का इस वक्त केंद्र सरकार सहित राज्य सरकारों से मांग कर्ता है, कि प्रवासी मजदूरों की समस्या को प्रमुखता से लेते हुए ,शीघ्र, जिस तरह विदेशों से "भारत वासियों को घर बुलाया तथा छात्रों को भी घर पर छोड़ा उसी प्रकार अभिलंब शीघ्र, मजदूरों को भी घर पर भिजवाए ।
लेखक :- बृजेश पाठक प्रधान संपादक
साप्ताहिक आजाद समाचार संकेत
करैरा जिला शिवपुरी मध्य प्रदेश
मोबा. 94246 09137