- 9000 छात्रों का भविष्य संकट में |
- विश्वविद्यालय में 20% से 40% फीस में इजाफा किया गया |
- बी. ए की फीस 18200 से बढ़कर 25250 हुईं |
आजाद समाचार/ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की फीस में बढ़ोतरी को लेकर छात्रों में आक्रोश है छात्रों का कहना है की फीस में जो वृद्धि कि गई उसे जल्द से जल्द बापास लिया जाए वरना लॉक डाउन के खत्म होते ही इस फैसले का पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा और छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रदर्शन भी जारी है।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने नए सत्र का एकेडमिक कैलेंडर जारी किया और इस सत्र में 20% से 40% की फीस बढ़ोतरी की फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्रों में आक्रोश है और सोशल मीडिया पर लगातार विश्वविद्यालय के इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं।
क्या बोले छात्र
विश्वविद्यालय में लगभग 9000 छात्र पढ़ते हैं और इनमें से अधिकतर छात्र बुंदेलखंड क्षेत्र से आते हैं बुंदेलखंड क्षेत्र पिछड़े इलाके में से हैं यहां अधिकतर लोग खेती पर आश्रित हैं और हमारे अभिभावक भी खेती मजदूरी कर के ही हमारी फीस जमा कर पाते हैं ऐसे में विश्वविद्यालय की फीस में इतना भारी इजाफा का बोझ कैसे उठा पाएंगे।
साथ ही यह भी कहा कोरोना जैसी महामारी के समय हमारे अभिभावक आर्थिक रूप से परेशानी से जूझ रहै है |
ऐसे समय में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का फीस में बढ़ोतरी करना बहुत ही गलत कदम साबित हो सकता है अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो हर एक छात्र लॉक डाउन के बाद विरोध में उतरेगा।
सोशल मीडिया पर विरोध
विश्वविद्यालय के फैसले के बाद ट्वीट और फेसबुक पोस्ट की बाढ़ सी आ गई
छात्रों ने #be_oppose_BU_decision
#shame_on_you
#support से सैकड़ों पोस्ट की
यह सवाल भी थे।
छात्रों द्वारा यह सवाल भी बार-बार उठाए जा रहे की विश्वविद्यालय में शिक्षा का स्तर क्या है मेडिकल सुविधा क्या है लाइब्रेरी में 2009 के बाद की कितनी किताबें हैं प्लेसमेंट की व्यवस्था क्या है हमारे रोजगार की व्यवस्था क्या है।
विश्वविद्यालय के छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल किए जो बेहद जरूरी भी है जरूरी इसलिए भी अगर छात्र शिक्षा से वंचित रहेते है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।