- दबंगों ने पत्रकार से कहा घर से बाहर निकला तो जान से हाथ धो बैठेगा
- पुलिस ने किया प्रकरण दर्ज
- उचित और जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग
आजाद समाचार/ उत्तर प्रदेश के जिला जालौन के कस्बे कोटरा में कुछ दबंगों ने पत्रकार को जान से मारने की धमकी दी कहा अगर घर से बाहर निकला तो जान से हाथ धो बैठेगा
क्या है मामल
कोटरा में कुछ दबंगों ने पत्रकार राकेश व्यास को जान से मारने की धमकी दी | अजय स्वामी , लालमान स्वामी और कुछ अज्ञात जो गांव के लोगों में अपनी दहशत बनाना चाहते हैं, रॉब रुतबे और दबंगई को चमकाने के चलते पत्रकार राकेश व्यास के घर पहुंच कर दबंगों ने पहले उनसे गाली-गलौज कर बात की और जब बात नहीं बनी तो जान से मारने की धमकी भी दे दी|
कस्बे में अवैध जुआ को लेकर
पत्रकार राकेश व्यास की रिपोर्ट पूर्व में समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई थी। इनमें से कुछ लोग अवैध जुुुुअं में सम्मिलित थे जिससेेे कस्बे केे दबंग पत्रकार महोदय सेेे चिढ़ गए थे। इसके बाद यह लोग गुट बना कर राकेश व्यास को मारने के लिए साजिश रच रहे थे
पुलिस ने किया प्रकरण दर्ज
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राकेश व्यास ने थाना कोटरा में एफ आई आर दर्ज कराई थाना अध्यक्ष मिश्रा ने तुरंत कार्यवाही के आदेश दिए परंतु अभी भी आरोपी गिरफ्तार नहीं है वहीं पुलिस ने यह भी बताया आरोपियों के खिलाफ पहले से अपराधि प्रकरण दर्ज हैं
मीडिया को संविधान का चौथा स्तंभ कहा जाता है पत्रकार अपनी महती भूमिका निभाता है सूचना जनसामान्य तक पहुंचाना और जनसामान्य की समस्याएं सरकार तक पहुंचाने में पुल का कार्य करता है। पत्रकारों के खिलाफ हिंसा , उन्हें जान से मारने की धमकी , पत्रकारों की निर्मम हत्या जैसी कई घटनाओं का उदाहरण प्रत्यक्ष रूप से सबके सामने है |क्या पत्रकारों के प्रति सरकार की कोई जवाबदेही नहीं, क्यों प्रशासन मूकदर्शक है|
कोटरा की यह खबर फिर से वही सारे सवाल एक बार फिर दोहरा ती है क्या सत्य लिखना मृत्यु के समान है|क्या इसमें दबंग यमराज की भूमिका निभाते हैं|
शासन-प्रशासन का लगातार एक ही उत्तर हमेशा सुनाई देता है वह उत्तर है हमें क्या फर्क पड़ता है| पत्रकारों के खिलाफ कितनी भी दहशत फैलाई जाए हमें क्या फर्क पड़ता है उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाए या निर्मम हत्या की जाए क्या फर्क पड़ता है|
सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि आरोपियों के खिलाफ उचित कार्यवाही हो बरना गौरी लंकेश जैसे कितने ही केस आपके सामने होंगे और ना जाने कितने पत्रकारों को मृत्यु के घाट उतार दिया जाएगा|